भंडार गृह में अनाज को सुरक्षित रखे “अनाज / खाद्य सुरक्षा चूर्ण”
तो किसान भाइयों और बहनों नमस्कार किसान संचार जीरकपुर निकट
चंडीगढ़ की टीम आज आपके लिए लेकर आयी है
रेडियो वार्ता भंडार गृह में अनाज को सुरक्षित रखे “अनाज /खाद्य सुरक्षा चूर्ण”आज हम आपको किसान संचार जीरकपुर निकट
चंडीगढ़ के सौजन्य से
यह बताने का प्रयास कर रहे है | कि किस प्रकार आप रसायनों के बजाय जैविक तरीके से
अपने भंडार गृह में रखे अनाज को सुरसरी (घुन) आदि कीड़ों से सुरक्षित रख सकते हैं |
साथियों ! आप सब जानते ही हैं कि भंडार गृहों में यहाँ तक
कि घरों के भीतर भी अनाज को सुरसरी (घुन) आदि कीड़ों से बचाने के लिए अचूक इलाज के
रूप में सैल्फास नामक अत्यंत जहरीले व तुरंत प्रभावी रसायन का उपयोग बहुतायत में
किया जा रहा है | इस खतरनाक रसायन की बिक्री व उपयोग विषय विशेषज्ञों के
मार्गदर्शन में ही मान्य है किन्तु व्यवहारिक रूप में इस नियम की लगातार अनदेखी की
जा रही है | जिसका परिणाम यह है कि हर वर्ष किन्ही कारणों से निराश व हताश अनेक
युवक-युवतियां इसी सर्व सुलभ सैल्फास नामक जहर को खाकर आत्म हत्या कर रहे हैं | यह
इतना भयानक व तेजी से असर करने वाला जहर है | जिसे खाते ही यदि चिकित्सा सुविधा न
मिले तो इसे खाने वाले की मृत्यु निश्चित है |
श्रोतागण ! हमारे देश में यह मान्यता रही है | कि जब जब भी
प्रकृति हमसे नाराज हुई है अर्थात अकाल या कोई महामारी जैसी विपदा आयी है | तब-तब
प्राकृतिक वातावरण को शुध्द करने के लिए हमारे देश में जगह -जगह सामूहिक रूप से हवन/यज्ञ किये जाते रहे हैं | इन हवनों की भस्म को खेतों व जल स्त्रोतों में
भी शुद्धि के लिए डालने की परम्परा रही है | इस भस्म को चिकित्सीय गुणों
के कारण लोग अपने शरीर पर मलते है | तथा दवाई के रूप में खाते भी हैं | नीम के
वृक्षों की उपस्थिति मात्र को भी लोग पयार्वरण शुद्धि का साधन मानते हैं नीम के
चिकित्सीय गुणों के कारण ही नीम के
विभिन्न भागों के नित्य उपयोग से तो आप सब भी खूब परिचित है और किसी न किसी रूप
में इसका उपयोग करते ही रहते हैं | तो साथियों ! हम आपसे अनुरोध करेंगे | कि भंडार
में अनाज को कीड़ों से सुरक्षित रखने हेतु नीम की निम्बोली तथा हवन की भस्म से
निर्मित “अनाज/खाद्य सुरक्षा चूर्ण” को
जरुर आजमा कर देखिये |
तो लीजिए अनाज को सुरक्षित रखने वाले इस खाद्य सुरक्षा
चूर्ण को स्वंय तैयार करके उपयोग करने की विधि इस प्रकार बतायी जा रही है |
आवश्यक सामग्री :- बकैन (बकायन ) या नीम की सूखी निम्बोली 2.5 किलोग्राम तथा
अग्नि होत्र (हवनकुण्ड ) की भस्म 2.5 किलोग्राम |
बनाने की विधि :- नीम की सूखी निम्बोलियों को कूटकर बारीक कर लें तथा
इसमें हवन की भस्म को अच्छी तरह मिला लें |
तो लीजिए अब यह 5 किलोग्राम खाद्य सुरक्षा चूर्ण उपयोग के
लिए तैयार है |
प्रयोग की विधि :- यह सुनिश्चित कर लें | कि भंडार गृह में रखे जाने वाले
अनाज में नमी 8 प्रतिशत से अधिक न हो | यह भी ध्यान रखे कि एक कुवंटल अनाज के लिए
500 ग्राम खाद्य सुरक्षा चूर्ण उपयोग में लाना है | अब सबसे पहले थोडा चूर्ण
भण्डारण टंकी के तले पर बिखेरे फिर अनाज की 8 से 10 परत इस तरह लगायें कि हर परत
के बाद इस खाद्य सुरक्षा चूर्ण का बुरकाव होना चाहिए | अन्त में सबसे ऊपरी परत पर
इस खाद्य चूर्ण को छिड़ककर अनाज के भंडार या टंकी को इस तरह से बंद कर लें ताकि
उसमें वायु संचार न हो सके | ऐसा करके आप देखेंगे कि इस चूर्ण के साथ भंडारित अनाज
में एक वर्ष तक कोई भी कीड़ा हानि नही पहुंचाता | क्योंकि इस भस्म रूपी कीट नाशक
में किसी भी प्रकार का कोई रसायन नही होता इसलिए यह पूरी तरह जैविक होने के कारण हमारे अनाज की
गुणवत्ता को उसके वास्तविक रूप में बनाये रखता है इस प्रकार हमारे स्वास्थय को ठीक
रखने के साथ-साथ पर्यावरण पर भी इसका अनुकूल प्रभाव पड़ता है | तो फिर क्यों न हम
अभी से इस जैविक कीटनाशी का उपयोग करके जैविक खेती रूपी मंजिल की ओर एक और कदम
बढायें |
तो किसान भाइयों और बहनों
ये थी किसान संचार जीरकपुर निकट चंडीगढ़ की और से प्रसारित आज की रेडियो वार्ता | भंडार गृह में अनाज को सुरक्षित
रखे “अनाज/खाद्य सुरक्षा
चूर्ण इसके बारे में आप अपनी प्रतिक्रिया हमारे ईमेल पता है kisansanchar@gmail.com जी हा आज की इस रेडियो वार्ता को तैयार करने
में सहयोग रहा टीम की रूबी,निशा कौशिक और गोपाल सिंह का और इस कार्यक्रम के
संपादक थे श्री सुरेन्द्र सिंह धनखड़ अधिक जानकारी के लिए आप हमारे हेल्पलाइन नंबर
9017653200
पर सोमवार से शनिवार सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक फोन करके बात कर सकते हैं।
धन्यवाद |
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